सोमवार, 14 दिसंबर 2009

रोती हुई लड़की



रोती हुई लड़की को गौर से देखो
मासूम नहीं है यह रोती हुई लड़की
जाने किस -किस को रुलाएगी हज़ारों आंसू.

विवश-सी 
क्यों गले उतारे
विषघूँट-सा वासंतरण
निर्बाध बाला -सी
धीरे -से गुनगुनाएगी
कुछ और धार देगी
चितवन को , आंसुओं को , हठ  को


फिर देख कर संचित मधु को मुस्कराएगी

देगी धुआँ ,उड़ाएगी गौरवान्वित मधुमक्खिओँ को
 और  स्निग्ध हो चुटकी बजाएगी

मासूम नहीं है यह रोती हुई लड़की !







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